संगीतिका के बारे में

हमारा उद्देश्य

संगीतिका संगीत महाविद्यालय, सीहोर – हमारे बारे में

संस्थान का प्रमुख उद्देश्य

संगीतिका संगीत महाविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत की दिव्य परंपरा को अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक पहुँचाना है।
हमारा विश्वास है कि संगीत केवल कला नहीं, बल्कि आत्मा की साधना है, जो जीवन को अनुशासन, संस्कार और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है।

विद्यार्थियों के समग्र निर्माण का लक्ष्य

संस्था का लक्ष्य न केवल श्रेष्ठ कलाकारों का निर्माण करना है, बल्कि उन्हें आजीविका एवं भविष्य के अवसर प्रदान करना भी है। हमारे चयनित विद्यार्थी इसका सजीव उदाहरण हैं।

संस्कार, संस्कृति और राष्ट्रभाव

यह संस्कार, यह भाव, केवल एक समर्पित एवं उद्देश्यपूर्ण शिक्षण संस्था से ही संभव है। अतः हमारा प्रयास है कि हर विद्यार्थी में:

हमारे प्रमुख गुरु

गुरु श्री मांगीलाल ठाकुर जी

हमारे प्रमुख गुरु श्री मांगीलाल ठाकुर जी इसी उद्देश्य को अपने तन, मन और धन से पूर्ण निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। वे न केवल एक समर्पित शिक्षक हैं, बल्कि स्वर्गीय पंडित श्री वासुदेव प्रसाद मिश्रा जी के सपनों को साकार करने में अग्रणी रहे हैं।

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संगीतिका संगीत महाविद्यालय

संगीतिका संगीत महाविद्यालय

स्थापना और विकास

संगीतिका संगीत महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1980 में स्वर्गीय पंडित श्री वासुदेव प्रसाद मिश्रा जी द्वारा सीहोर में की गई।

वर्ष 1993 में संस्थान को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से संबद्धता प्राप्त हुई।

वर्ष 2009 से महाविद्यालय राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर से संबद्ध है।

तब से लेकर अब तक यह संस्था निरंतर संगीत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है और हमारे चयनित विद्यार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों में स्थान बना लिया है।

1980स्थापना वर्ष
1993इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़
2009राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर
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